Virat Kohli अब बच्चे से आउट होंगे तो बँटा धार!




बताइये। कल का लड़का आये और विराट कोहली को बोल्ड करके चला जाये। जैसे कोई कुलदीप यादव बैटिंग कर रहा हो। ऐसा ही कुछ टीम इंडिया के नेट्स में हुआ। तमिल नाडु का एक तेज़ गेंदबाज़ है। नाम है गुर्जपनित सिंह। वैसे रहने वाला अंबाला का है। पर पंजाब से खेलने के मौक़े नहीं मिले। तो तमिल नाडु में क़िस्मत आज़माने चला आये। फिर उसे नेट्स में टीम इंडिया के बल्लेबाज़ों को गेंदबाज़ी करने का मौक़ा मिल गया। सामने थे विराट कोहली। किंग कोहली। गुरजपनीत सिंह की एक गेंद विराट कोहली पूरी तरह से चूक गये और बोल्ड आउट हो गये। गुरजपनीत सिंह का ख़ुशी का ठिकाना नहीं। सामने देखा विराट कोहली ग़ुस्से से तमतमाये हुए थे। गुरजपनीत ने सोचा इस समय कोहली से आँख मिलाना ठीक नहीं है। चुप चाप फिर बोलिंग करने के लिए चले गये। उसके बाद गुरजपनीत सिंह के एक गेंद पर कोहली ने एक करारा स्ट्रैट ड्राइव मारा। और गुरजपनीत सिंह को देख कर मुसकराये। गुर्जपनित सिंह इस वाक़ये से इतने खुश थे कि रणजी ट्रॉफी में तमिलनाडु के लिये उन्होंने सौराष्ट्र के ख़िलाफ़ छह विकेट निकाल डाले। रन दिये सिर्फ़ 22। और इन छह विकेटों में चेतेश्वर पुजारा जैसा बेशक़ीमती विकेट भी था। अब जहां कोहली के नाम पर लोग अपने करियर बना रहा हैं वहीं किंग कोहली के सितारे मद्धम मद्धम चल रहे हैं। कोहली 2015 से 2019 के बीच में बेताज बादशाह थे। पर उसके बाद अगले तीन सालों में उन्होंने 19, 28 और 26 की औसत से रन बनाये। यानी कुल 20 टेस्ट मैच खेले और एक भी शतक नहीं। फिर 2023 में कोहली का सितारा उभरता हुआ नज़र आया। दो सैकड़े भी लगाये। पर फिर भी पिछले दो सालों में कोहली ने ११ टेस्ट मैचों में सिर्फ़ दो शतक लगाये हैं। उधर इंग्लैंड के जो रूट गेंदबाज़ों को कूट रहे हैं। 2018 से 2020 तक रूट का करियर भी गोता खा गया था। 60 पारियों में सिर्फ़ 4 शतक लगाये थे। पर २०२१ से रूट ने फिफ्थ गियर में बैटिंग की है। पिछले चार सालों में रूट ने 91 पारियों में 18 शतक लगाये हैं। 15 हाफ सेंचरीज़ भी है। खूटा तोड़ के भागे हैं। अब विराट कोहली पर लोगों की निगाहें है। कोहली भी क्या अपने पुराने अवतार में लौट सकते हैं। आने वाले तीन महीनों में टीम इंडिया आठ टेस्ट मैच खेलेगी। तीन होंगे न्यू ज़ीलैंड के ख़िलाफ़। और पाँच ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़। न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट श्रृंखला तो कल से ही बेंगलुरु में शुरू हो रही है। अब बेंगलुरु एक तरह से कोहली के घर की पिच है। पिछले 18 सालों से वो रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए यहाँ खेल रहे हैं।  यहाँ तो उन्हें रन लूटने चाहिए। फिर न्यू ज़ीलैंड के फ़ास्ट बाउलर्स के ख़िलाफ़ अगर कोहली सफल होते हैं तो ऑस्ट्रेलिया एक नये कॉन्फिडेंस के साथ जाएँगे। अगर यहाँ फेल हुए तो ऑस्ट्रेलिया से पहले ये उनके और टीम इंडिया दोनों के लिए बुरी खबर होगी। इसलिए भले ही लोगों को लग रहा है कि रोहित शर्मा की टीम आसानी से न्यू ज़ीलैंड को आने वाले दिनों में हरा देगी, लेकिन अगर कोहली से रन ना बने, तो दिल में एक कसक रह जाएगी। फिर ऐसा लगेगा कि जिस कोहली को हम जानते थे, वो कहीं खो गया है।